मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि स्वच्छता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। इसके तहत आवश्यकतानुसार इस राशि को बढ़ाया भी जाएगा। सरकार की मंशा है कि प्रदेश को कूड़े के अंबार से जल्द से जल्द छुटकारा दिलाया जाए।
बिहार में स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के तहत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को सुदृढ़ करने के लिए राज्य सरकार ने 139 नगर निकायों को 100 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है। यह निर्णय बिहार के नगर विकास एवं आवास मंत्री नितिन नवीन के आदेश के बाद लिया गया। इस राशि का उपयोग सॉलिड वेस्ट प्रोसेसिंग और सैनिटरी लैंडफिलिंग की सुविधा विकसित करने के लिए किया जाएगा।
जरूरत के मुताबिक बढ़ेगी राशि
मंत्री नितिन नवीन ने स्पष्ट किया कि स्वच्छता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। इसके तहत आवश्यकतानुसार इस राशि को बढ़ाया भी जाएगा। सरकार की मंशा है कि प्रदेश को कूड़े के अंबार से जल्द से जल्द छुटकारा दिलाया जाए और सभी नगर निकायों को स्वच्छ एवं आत्मनिर्भर बनाया जाए। नगर विकास एवं आवास विभाग वैज्ञानिक पद्धति से कचरा निस्तारण पर लगातार कार्य कर रहा है। मंत्री ने कहा कि सूखे और गीले कचरे के प्रसंस्करण से मिलकर होने वाले राजस्व से नगर निकायों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत की जाएगी।
तीन आर (3R) सिद्धांत पर हो रहा कार्य
मंत्री ने बताया कि विभाग Reduce (कचरा कम करना), Reuse (पुनः उपयोग) और Recycle (पुनर्चक्रण) के सिद्धांतों पर काम कर रहा है। स्वच्छता को एक स्थायी प्रक्रिया बनाने के लिए नई तकनीकों को अपनाया जा रहा है।
कचरा प्रबंधन के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग
कचरा प्रबंधन के लिए आधुनिक और वैज्ञानिक तरीकों का उपयोग किया जाएगा। इनमें शामिल हैं:-
- सूखे कचरे के लिए: मेटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (MRF) और रिफ्यूज्ड डिराइव्ड फ्यूल (RDF) तकनीक
- गीले कचरे के लिए: बायोमिथेनेशन संयंत्र और कंपोस्ट प्लांट
- बचे हुए कचरे के लिए: वैज्ञानिक लैंडफिल विधि
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